प्रेस विज्ञप्ति
सिखों के प्रथम गुरु
गुरुनानक देव जी की जयंती मनाई गई 556 वीं
नानक पंजाबी कार्तिक पूर्णिमा के दिन पुरे विश्व में
मनाई जाती है जिसमे की जमशेदपुर शहर सतनाम वाहेगुरु वाहेगुरु नाम से गूंज उठे
गुरु नानक देव जी की
पालकी बहुत ही सुन्दर सजाई गई थी
झारखंड जमशेदपुर में
इन्हें अनेक नामों से जानते हैं
नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और बाबा नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं
जिसमें की सोनारी
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के द्वारा नगर कीर्तन निकाली गई
नानक अपने व्यक्तित्व में
दार्शनिक,योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक,कवि, देशभक्त और विश्व बंधु सभी के गुण समेटे हुए थे
नगर कीर्तन मे काफी संख्या में महिलाएं, पुरुष और स्कूली बच्चों की सेवा रही लोगों की भीड़ काफी थी
जिसमें सोनारी से लेकर साकची सेंट्रल गुरुद्वारा तक में कई जगह जगह शिविर लगाई गई चाय बिस्कुट और भी कई तरह की लोगों की सेवा के लिए लगाई गई थी
और गुरु नानक देव जी के पर्व दिन सभी गुरूद्वारों में लंगर खिलाईं जाती है लंगर खिलाने में सभी गुरुद्वारों में किसी प्रकार की कोई भी भेद भाव नहीं होती है सभी को एक समान लंगर खिलाईं जाती है
नगर कीर्तन सोनारी से लेकर साकची सेंट्रल गुरुद्वारा में समाप्ति की
सभी गुरुद्वारों को सुंदर ढंग से सजाई जाती है
व्यवस्था
साकची सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की जो व्यवस्था रखी गई थी जो काफी अच्छी थी
नमन संस्था के संस्थापक
श्री अमरप्रीत सिंह काले जी ने अपनी वाणी से कहा कि सारे विश्व में कोई जात, पात ऊंच नीच के नहीं गुरु महाराज जी से विनती की है कि सारे विश्व में शांति प्रदान करे
सतनाम वाहेगुरु सतनाम वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु नाम से सारा शहर गुंज उठा
जमशेदपुर से संवादाता
सोहन साह

