नई दिल्ली: आज देशभर में सिख धर्म के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मानवता, धर्म और सत्य की रक्षा के लिए दिया गया उनका सर्वोच्च बलिदान इतिहास में अद्वितीय माना जाता है। गुरु तेग बहादुर जी ने न केवल धार्मिक स्वतंत्रता, बल्कि पूरे मानव समाज के सम्मान और अधिकारों के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
उन्हें ‘हिंद की चादर’ के नाम से सम्मानित किया जाता है, और अत्याचार तथा अन्याय के खिलाफ उनकी आवाज़ आज भी उतनी ही सशक्त मानी जाती है, जितनी उस दौर में थी जब उन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया।
देशभर में आयोजित श्रद्धांजलि सभाओं और कार्यक्रमों में वक्ताओं ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का जीवन त्याग, करुणा, धैर्य और निडरता का प्रतीक है। उनका शहीदी दिवस समाज को उन मूल्यों की याद दिलाता है, जो एक मजबूत, न्यायपूर्ण और मानवीय व्यवस्था की नींव रखते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सत्य, साहस और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहेगा। गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाएं और उनका आदर्श आज भी देश और समाज के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं।

