17 Dec 2025, Wed

कुत्तों को हटाने का वैक्यूम इफेक्ट क्या होता है… क्यों साइंटिस्ट आगाह करते हैं इस स्थिति से?

नई दिल्ली, 13 अगस्त 2025:
भारत में अवारा कुत्तों की समस्या अब एक गंभीर सामाजिक और जन स्वास्थ्य चुनौती बन चुकी है। शहरों से लेकर गांवों तक, यह समस्या न केवल लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य, सड़क सुरक्षा और पर्यावरण को भी गहरा नुकसान पहुंचा रही है।

समस्या की गंभीरता

अवारा कुत्तों की संख्या भारत में लाखों में है। कई राज्यों में इनकी आबादी तेज़ी से बढ़ रही है।

  • जन स्वास्थ्य खतरा: हर साल हज़ारों लोग कुत्तों के काटने से घायल होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं। रेबीज़ जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।

  • सड़क सुरक्षा: अवारा कुत्ते अक्सर सड़कों पर दौड़ते-भागते वाहन चालकों के लिए हादसों का कारण बनते हैं। कई गंभीर दुर्घटनाएं इसी वजह से होती हैं।

  • पर्यावरण पर असर: इनकी अनियंत्रित संख्या से कचरे में बढ़ोतरी, सड़क किनारे गंदगी और शोर प्रदूषण जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं।

AWBI की नीति और पशु अधिकार समूहों का दृष्टिकोण

AWBI (Animal Welfare Board of India) का मानना है कि कुत्तों की संख्या नियंत्रण के लिए ABC प्रोग्राम (Animal Birth Control) ही सबसे मानवीय और कानूनी तरीका है।

  • कुत्तों को पकड़कर नसबंदी और टीकाकरण करना

  • फिर उन्हें उसी क्षेत्र में छोड़ देना

  • रेबीज़ नियंत्रण के लिए व्यापक टीकाकरण अभियान

दूसरी तरफ, कई पशु अधिकार समूह भी मानते हैं कि मारना समाधान नहीं है, बल्कि नसबंदी, टीकाकरण और भोजन/ आश्रय की व्यवस्था करना ही सही रास्ता है। हालांकि, आम जनता का एक बड़ा वर्ग मानता है कि यह नीति धीमी है और ज़मीनी स्तर पर सही तरह से लागू नहीं हो रही।

जनता और प्रशासन के बीच टकराव

कई शहरों में लोग लगातार अवारा कुत्तों के हमलों से परेशान हैं और प्रशासन पर तेज़ कार्रवाई का दबाव बना रहे हैं। वहीं, पशु प्रेमी और NGO इस बात पर ज़ोर देते हैं कि कुत्तों के साथ क्रूरता न हो और समाधान मानवीय हो।

क्या है समाधान?

  • तेज़ और बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान

  • सार्वजनिक जागरूकता – लोगों को कुत्तों को सही तरीके से खिलाने और उनके व्यवहार को समझने की ट्रेनिंग देना

  • कचरा प्रबंधन में सुधार – क्योंकि कचरा ही इनका मुख्य भोजन स्रोत है

  • सख्त कानून और सख्ती से पालन – ताकि न तो कुत्तों को नुकसान पहुंचे और न ही लोगों की जान खतरे में पड़े

अवारा कुत्तों की समस्या एक जटिल मुद्दा है जिसमें पशु अधिकार, मानव सुरक्षा और प्रशासनिक चुनौतियां तीनों शामिल हैं। बिना सभी पक्षों के सहयोग और सख्त ज़मीनी कार्यान्वयन के, इस समस्या का स्थायी समाधान मुश्किल है।

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