
लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व बड़ी धूमधाम से मनाई गई झारखंड जमशेदपुर के स्वर्णरेखा घात पर अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ की और साथ में साउंड एंड लाइट कमेटी के अध्यक्ष श्री दिनेश साह जी के पुरे परिवार सहित लाखों लाख की संख्या में छठ पूजा करने के लिए पहुंचे श्री दिनेश साह जी ने स्वर्णरेखा घात की की निरक्षण किए चार घंटे पहले जिसमें जिला प्रशासन की सारी व्यवस्था अच्छी ढंग से की गई थी लाइट की और छठ व्रतियों के लिए महिलाओं के लिए जगह-जगह कपड़े चेंज करने के लिए कई जगह शिविर भी लगाईं गई थी
जिसमें की दुर दुर से लोग छठ पूजा करने के लिए पहुंचे
छठ पूजा की शुरुआत
नहाय खाय लौकी भात से होती है और खरना के दिन तो एक अलग ही महोत्व रहता है
शाम में तो घरों घर खरना की पुजा होती है
जिसमें की प्रसाद के रूप खीर। रोती का नियम रहता है
जिसमें की गुड़ से बनी खीर होती है
रात में प्रसाद खिलाई जाती है
छठ पुजा के नाम से बजारो में एक अलग ही माहौल नजर आती है कई कई तरह के सब्जी,फल नजर आते हैं बजारो मे गेहूं अलग से आती है
घरों में गेहूं लाकर बड़ी सुध तरिके से साफ सफाई और धुलाई करके खरना के दिन पिसाई कराईं जाती है कई लोग अपने आटा चक्की को एक दिन पहले ही अच्छी तरह से धुलाई कर के रखते हैं और दूसरी दिन फ्री में पिसाई करतीं हैं
छठ पूजा कि एक अलग ही खासियत होती है
जिसमें लौकी, गन्ना,गागल,सुप की पुजा की सामग्री कई लोग जगह-जगह शिविर लगाकर फ्री में वितरण करते हैं छठी मैईया के बहुत ही सारे नियम धर्म से पुजा की जाती है और साथ ही साथ घाटों के किनारे में कई संस्था के शिविर दुध, दातून, अगरबत्ती, चाय,पुरी सब्जी, भोग और भी कई तरह के शिविर लगाई गई थी सारे व्रत धारियों ने पुजा शांति ढंग से की स्वर्णरेखा घातों पर छठी मैईया के जय कार से गुंज उ

