16 Dec 2025, Tue

बिहार में मतदाता सूची संशोधन और कथित “वोट चोरी” के आरोपों को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला। विपक्षी दलों का कहना है कि मतदाता सूचियों में हेरफेर करके लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया जा रहा है, और इस मुद्दे पर जनता को जागरूक करना ज़रूरी है।

मार्च की शुरुआत संसद परिसर से हुई, जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद, डीएमके और अन्य INDIA गठबंधन के नेताओं ने हिस्सा लिया। जैसे ही यह जुलूस चुनाव आयोग की ओर बढ़ा, दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कारणों और अनुमति न होने का हवाला देकर जुलूस को रोक दिया। इस पर विपक्षी सांसदों और पुलिस के बीच थोड़ी देर नारेबाज़ी भी हुई।

राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर हमला

मार्च के दौरान मीडिया ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से सवाल किया कि चुनाव आयोग ने उन्हें ‘वोट चोरी’ संबंधी बयान पर नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है, लेकिन वह जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं। इस पर राहुल गांधी ने सीधा पलटवार करते हुए कहा —
“मैं साइन नहीं करूंगा, ये चुनाव आयोग का ही डेटा है… EC जनता को गुमराह कर रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग के पास मौजूद आधिकारिक आंकड़े ही इस पूरे मामले की सच्चाई उजागर करने के लिए पर्याप्त हैं, और वह इस “डेटा मैनिपुलेशन” के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।

विपक्ष का आरोप और मांगें

विपक्षी गठबंधन के नेताओं का कहना है कि बिहार समेत कई राज्यों में मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गई हैं — जिनमें नाम काटना, दोहराव और गलत विवरण शामिल हैं। उनका दावा है कि यह सब सुनियोजित तरीके से किया गया है, ताकि चुनावी नतीजों को प्रभावित किया जा सके।
विपक्ष की मांग है कि मतदाता सूची की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच कराई जाए, और अगर गड़बड़ियां पाई जाएं तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

चुनाव आयोग का रुख

चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि मतदाता सूची संशोधन की पूरी प्रक्रिया कानून के तहत और पारदर्शी तरीके से की जाती है। आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस भेजकर ‘वोट चोरी’ वाले बयान पर स्पष्टीकरण मांगा था। आयोग का कहना है कि ऐसे बयान चुनावी प्रक्रिया में लोगों का विश्वास कमजोर कर सकते हैं।

राजनीतिक महत्व

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब अगले आम चुनाव को कुछ ही महीने बचे हैं। विपक्षी दल लगातार EVM, मतदाता सूची और चुनावी फंडिंग जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते रहे हैं। वहीं, सत्तारूढ़ दल का कहना है कि विपक्ष पहले से ही हार की आशंका में संस्थाओं पर अविश्वास फैला रहा है।

अगले कदम

विपक्षी दलों ने ऐलान किया है कि वे इस मुद्दे को संसद, सड़कों और अदालत — तीनों जगह उठाएंगे। राहुल गांधी ने भी संकेत दिए हैं कि वह आगामी दिनों में देशभर में इस मुद्दे पर जनसभाएं और संवाद कार्यक्रम करेंगे।

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