16 Dec 2025, Tue

दिल्ली व बॉम्बे हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी — जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला, पुलिस संदिग्ध मेल की तह तक पहुँचने की कोशिश में

दिल्ली हाईकोर्ट को प्राप्त धमकी भरे ई-मेल में तमिलनाडु व पाकिस्तान का भी ज़िक्र; सुरक्षा कारणों से कोर्ट परिसर खाली कराया गया — साइबर सेल जाँच कर रही है।


नई दिल्ली: राजधानी के दो प्रमुख न्यायिक संस्‍थानों — दिल्ली और बॉम्बे हाईकोर्ट — को बम से उड़ाने की धमकी भरे ई-मेल मिलने की खबर ने शुक्रवार को सुरक्षा व्यवस्था को सतर्क कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट की आधिकारिक मेल आईडी पर प्राप्त एक ई-मेल में दावा किया गया कि जज रूमों में तीन बम रखे गए हैं और दोपहर के बाद धमाका किया जाएगा। इस सूचना के बाद दिल्ली हाईकोर्ट परिसर को तत्काल खाली कराया गया और सुरक्षा एजेंसियों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।

सूत्रों के अनुसार दिल्ली व बॉम्बे हाईकोर्ट दोनों स्थानों की तलाशी के दौरान किसी भी तरह का संदिग्ध सामान या विस्फोटक उपकरण नहीं मिला। पुलिस ने फिलहाल कोई ठोस सुराग न मिलने पर इसे किसी की शरारत या फेक धमकी की आशंका व्यक्त की है।

घटना के मुख्य बिंदु:

  • धमकी भरे ई-मेल में तमिलनाडु और पाकिस्तान का कथित ज़िक्र किया गया, जिससे जांच और पेचीदा हो गई है।

  • ई-मेल में यह भी दावा था कि दोपहर नमाज़ के बाद कोर्ट परिसर में धमाका होगा; इसी के मद्देनज़र परिसर व आस-पास के इलाक़ों को तत्काल खाली करवाया गया।

  • दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ते और साइबर सेल घटनास्थल पर पहुँच कर सहकार्य कर रहे हैं; साइबर टीम ई-मेल हैडर और स्रोत की तकनीकी जाँच कर रही है।

  • पुलिस ने कहा है कि तलाशी अभियान में दोनों हाईकोर्ट परिसरों से कोई संदिग्ध सामग्री नहीं मिली।

पुलिस ने कहा है कि ई-मेल में तमिलनाडु और पाकिस्तान से जुड़े दावों का आधार असत्यापित है और जांच के दायरे में लाया गया है। स्थानीय अधिकारियों ने यह भी बताया कि ई-मेल में कुछ राजनीतिक संदर्भ और आरोप भी थे — जिनमें कुछ नेताओं और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य का ज़िक्र था — जिनकी सत्यता की पड़ताल की जा रही है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “फिलहाल मालूम होता है कि यह किसी शरारती तत्व द्वारा भेजी गई धमकी हो सकती है। हम ई-मेल के स्रोत का पता लगाने के लिए साइबर सेल के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और किसी भी तरह के सुराग मिलने पर कार्रवाई करेंगे।” अधिकारी ने आगे कहा कि सुरक्षा बढ़ा दी गई है और संबंधित न्यायालयों में केवल आवश्यक गतिविधियों के साथ ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।

कोर्ट प्रशासन ने भी कहा कि कर्मचारियों, वकीलों और जजों की सुरक्षा सर्वोपरि है और जांच पूरी होने तक आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। न्यायालय से जुड़े कई उच्च अधिकारियों ने जनता और मीडिया से शांति बनाए रखने व अफवाहों पर भरोसा न करने की अपील की है।

धमकी के ई-मेल में बम डिफ्यूज़ करने या उससे जुड़े तकनीकी निर्देशों का कथित उल्लेख भी किया गया था; इस प्रकार की संवेदनशील तकनीकी जानकारी रिपोर्ट में शामिल नहीं की जा रही है और न ही किसी सार्वजनिक मंच पर साझा की जानी चाहिए। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि किसी प्रकार के ऑपरेशनल विवरण को जनता के साथ साझा नहीं किया जाएगा ताकि जाँच प्रक्रिया प्रभावित न हो।

जांच जारी है और पुलिस ने बताया कि जैसे ही और जानकारी मिलती है, वह सार्वजनिक की जाएगी। अभी तक किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने या किसी समूह के संलिप्त होने की पुष्टि नहीं हुई है।

 

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